रीट परीक्षार्थियों के लिए नि:शुल्क आवास व भोजन की व्यवस्था के लिए मची होड़

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REET candidates
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26 सितम्बर को आयोजित होने वाली रीट परीक्षा को लेकर परीक्षार्थियों व उनके परिजनों की चिंता को राहत प्रदान करते हुए शहर में समाज व सामाजिक संस्थाओं ने सामाजिक सरोकार का एक अनूठा उदाहरण पेश किया है जिसमें बाहर से परीक्षा देने पहुंचने वाले परीक्षार्थियों व उनके परिजनों के लिए आवास व भोजन की नि:शुल्क व्यवस्था की जिम्मेदारी ली है। पिछले दो वर्षो से कोरोना के चलते बेरोजगार विद्यार्थियों के लिए रीट की परीक्षा का आयोजन किसी मनवांछित मुराद से कम नहीं है जिसमें सभी परीक्षार्थी परीक्षा के सफल आयोजन से समाप्ति तक किसी प्रकार के अवरोध के कारण परीक्षा स्थगित ना होने की दुआएं मांग रहे है। सरकार ने पूरी तैयारियों के साथ पात्र अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र जारी कर दिए है। महिलाओं को अधिकतम उनके जिले में ही परीक्षा के केन्द्र आवंटित किए गए है तो कई स्थानों पर अन्यत्र जिलो में परीक्षा केन्द्र आवंटित किए गए है। अन्य जिलों से परीक्षा केन्द्रों पर पहुंचने वाले परीक्षार्थियों के लिए आवास व भोजन व्यवस्था चिंता का बडा कारण होती है खासकर महिला अभ्यर्थियों को एक दिन नियत समय से पूर्व बच्चों व परिजनों के साथ परीक्षा केन्द्र तक पहुंचना होता है। जिससे उनको खासी परेशानी का सामना करना पडता है। परीक्षार्थियों की इस बडी समस्या के मद्देनजर इस बार समाज व सामाजिक संस्थाओं ने वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से सरोबार होकर मदद के लिए हाथ आगे बढाया है। मदद के लिए की जाने वाली घोषणाओं का आलम यह है कि समाज के साथ-साथ सामाजिक संस्थाओं में परीक्षार्थियों के लिए नि:शुल्क आवास व भोजन व्यवस्था किए जाने को लेकर होड सी मच गई है। शहर भर में समाज व सामाजिक संस्थाओं की ओर से सौश्यल मिडिया, बैनर, पोस्टरर्स के माध्यम से संदेश प्रसारित किया जा रहा है कि सभी अभ्यर्थियों एवं परिजनों के लिए धर्मशालाओं, निजी स्कूल भवन आदि में ठहरने की उत्तम व्यवस्थाएं की गई है। अकेले मालपुरा शहर में लगभग आधा दर्जन से अधिक परीक्षा केन्द्रों पर दो पारियों में परीक्षा देने के लिए हजारों अभ्यर्थियों के पहुंचने की उम्मीद है। इसके चलते ब्राह्मण समाज, राजपूत समाज, बैरवा समाज, जैन समाज के साथ-साथ मुस्लिम समाज, सेवा भारती, श्री राम सेवा परिवार सहित कई ऐसे नाम है जिन्होंने आगे बढक़र इस व्यवस्था को सफल बनाने का बीड़ा उठाया है। मालपुरा शहर सहित अन्य शहरों में समाज व सामाजिक संस्थाओं ने जिस समाजिक सरोकार से परीक्षार्थियों की समस्या को हल करने का जो कदम उठाया है वो निसन्देह सराहनीय है साथ ही यदि एक से अधिक परीक्षा केन्द्र वाले शहरों में अभ्यर्थियों के लिए इस प्रकार की व्यवस्थाओं की कल्पना करना भी एक सुखद अहसास है जिसे पूर्ण करने के लिए सभी सक्षम लोगों को आगे आने की जरूरत है।

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