राम रसोई परिवार लगातार लॉक डाउन मे निरन्तर दे रहा हैं अपनी सेवाएं

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राम रसोई परिवार मलपुरा के कार्यकर्ताओं ने प्रथम चरण में प्रत्येक वार्डों में खुद घूम घूमकर ऐसे निर्धन परिवारों का चयन किया जिसमें वास्तविकता में खाने के संसाधन समाप्त हो गए थे, जिस परिवार का मुखिया बाहर कमाने गया हुआ था और लॉक डाउन में फँस गया था। बुजुर्ग दम्पति वाला परिवार जिनके कमाने वाला कोई नहीं हैं। विधवा महिला या परित्यागिता महिला, परिवार का मुखिया बीमार हो, एवं जो BPL तो नहीं है मगर लॉक डाउन के चलते उसकी स्तिथि खराब हो गयी हैं। मालपुरा क्षेत्र में कमाने आये दिहाड़ी मजदूर, आइसक्रीम बनाने वाले, कचरा बीनने वाले सहित मन्दिर में रहने वाले सन्तों की सूची बनाकर  राम रसोई परिवार ने अपनी सूची में से प्राथमिकता देते हुए जरूरतमंद परिवारों तक सुखी राशन सामग्री पहुँचाई गयी हैं। इसके अतिरिक्त क्षेत्र में यदि लॉक डाउन से फँसे बाहरी व्यक्तियों को समिति कार्यकर्ताओं ने अपने घरों से खाना बनाकर खाना खिलाया हैं। चाहे वो हॉस्पिटल में फँसे मरीज के परिजन हो, बाहरी किरायेदार विद्यार्थी, ट्रक खराब होने से फँसे ड्राइवर खलासी सभी प्रकार के लोगों की सेवा में समिति कार्यकर्ताओं ने बिना किसी फ़ोटो के प्रचार प्रसार के सेवा की हैं। वर्तमान में 1100 मिट्टी के बने हुए पक्षी परिण्डे लगाने का लक्ष्य, सड़क पर बेसहारा विचरण करने वाले पशुओं के पानी पीने के लिए 51 पानी की खेलियाँ, पक्षियों के लिए चुग्गा दाना-पानी के अभियान के अनुसार समिति कार्यकर्ता गुप्त रूप से बिना खुद का प्रचार करते हुए सेवा कार्य कर रहें हैं। सबसे खास बात है की समिति ने किसी भी अभियान के शुभारम्भ में किसी को भी नहीं बुलाकर पूर्णतया सोशल डिस्टेन्स की पालना करी हैं। राम रसोई परिवार मालपुरा के कार्यकर्ताओं ने जरूरमंद का सम्मान बढाया हैं। समिति ने राशन सामग्री ढोल बजाकर देने की बजाय जरूरतमंद को अकेले मोहल्ले से दूसरी जगह बुलाकर सामग्री प्रदान की हैं। सबसे खास बात यह रही कि एक बार जरूरतमन्द को समान देने के बाद समिति ने पल्ला नहीं झाड़ा। बल्कि उस परिवार के पास राशन समाप्त होने के बाद राम रसोई ने इन तक खाना भिजवाया हैं। एवं अनेक परिवारों तक अन्य संस्थाओं के माध्यम से रसद सामग्री भिजवाई हैं।

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