भाजपा की अन्र्तकलह बन सकती है विधायक के टिकिट कटने का आधार

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मालपुरा-टोडारायसिंह विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान विधायक के खिलाफ असंतुष्टों द्वारा चलाए जा रहे अभियान से उपज रहा अन्तर्कलह अब वर्तमान विधायक को दोबारा टिकिट मिलने की राह में सबसे बडा रोडा बनता दिखाई दे रहा है। विधायक चयन के लिए की गई रायशुमारी के दौरान भी वर्तमान विधायक के खिलाफ लामबंद हुए असंतुष्ठ भाजपाईयों ने केन्द्रीय नेतृत्व की ओर से जयपुर में आमेर के एक होटल में अजमेर संभाग के फीडबैक लेने के दौरान जमकर असंतोष जताया। राजस्थान के प्रभारी के रूप में केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर-मानव संसाधन विभाग दिल्ली के निर्देश पर फीडबैक लेने पहुंचे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष औमप्रकाश माथुर व प्रदेश प्रवक्ता सतीश पूनिया के सामने ही असंतुष्ठ भाजपाईयों ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि पांच वर्ष तक अहंकार में डूबे विधायक ने कार्यकर्ताओं का कोई काम नहीं किया तथा उन्हें जमकर प्रताडित किया। क्षेत्र में सत्ता के मद में डूबे विधायक ने संगठन को पूरी तरह से तहस नहस कर दिया तथा ऐसे लोगों को जबरन संगठन के पदों पर पदाधिकारी बनाकर बैठा दिया जिनको पार्टी की रीति-नीति से कोई सरोकार नहीं था और ना ही पद के क्रम में उनकी उम्र ही थी। नौसिखिए पदाधिकारियों ने ना तो नए कार्यकर्ताओं को संगठन से जोडा और ना ही पुराने वरिष्ठ भाजपाईयों को संतुष्ठ कर पाए। जिससे संगठन का पूरा ढांचा बिखर गया। ऐसे पदाधिकारियों ने पांच वर्ष महज विधायक की रबर स्टाम्प के रूप में काम किया। साथ ही विधायक ने पांच वर्षो में क्षेत्र में ठेकेदारी व रंगदारी की प्रथा को बढावा दिया। अपने चहेतों को सरकारी ठेकों का काम दिला कर परदे के पीछे से उनका संचालन किया। असंतुष्ठ भाजपाईयों का कहना था कि विधायक की स्वयं की कांगे्रस की पृष्ठभूमि होने के कारण उन्होंने संगठन के महत्वपूर्ण पदों पर आयातित कर बैठा दिया। असंतुष्ठ भाजपाईयों ने हाल ही में कावडयात्रा पर हुए हमले के बाद उपजे घटनाक्रम में विधायक की भूमिका संदेहास्पद होने तथा भाजपा में ही उनके विरोधियों को जानबूझकर निशाना बनाने का भी आरोप लगाया। रायशुमारी के दौरान असंतुष्ठ भाजपाईयों व वर्तमान विधायक के साथ मौजूद कार्यकर्ताओं के बीच तनातनी भी हो गई लेकिन वरिष्ठ भाजपाईयों ने बीच-बचाव कर मामला शांत करवाया। ऐसे में विधायक के खिलाफ क्षेत्र में चलाए जा रहे इस विरोधी अभियान की खबर से प्रदेश व केन्द्रीय नेतृत्व भी वाकिफ हो गया है जिससे अब वर्तमान विधायक द्वारा दोबारा टिकिट मांगे जाने का सशक्त दावा अब कमजोर व खोखला दिखाई दे रहा है। असंतुष्टों द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान के दौरान सेक्टर वार बैठक आयोजित की जा रही है जिसमें असंतुष्ठ भाजपाई एकत्रित होकर ना केवल अभियान का समर्थन कर रहे है बल्कि वर्तमान विधायक को दोबारा टिकिट नहीं दिए जाने के लिए संकल्प भी ले रहे है। सम्पूर्ण क्षेत्र में असंतुष्ठ भाजपाईयों द्वारा चलाए जा रहे विधायक विरोधी अभियान से भाजपा में भारी घमासान मचा हुआ है तथा विधानसभा चुनावों से एनवक्त पहले चुनावी रणनीति बनाने के बजाय वर्तमान विधायक अपने टिकिट को दोबारा पाने के लिए संघर्षरत नजर आ रहे है।

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