रास्ते बदलने से नहीं सोच बदलने से दूर होगी दिलों की दूरियां

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मालपुरा शहर में पिछले कुछ समय से सामाजिक व धार्मिक कार्यक्रमों में दो समुदायों के बीच बार-बार तनाव की स्थिति उत्पन्न होने के बाद जिला एवं उपखंड प्रशासन की ओर से शहर में स्थायी शांति के लिए धार्मिक व त्यौंहारों पर आयोजित होने वाले आयोजन, जुलूस आदि के मार्ग में परिवर्तन को लेकर प्रस्ताव तैयार कर दोनों समुदायों के लोगों की अलग-अलग बैठक आयोजित कर चर्चा किए जाने के प्रयास किए जा रहे थे। लेकिन दूसरी ओर सर्व हिंदु समाज ने जिला कलक्टर व एसडीएम मालपुरा को ज्ञापन के माध्यम से अवगत करवाया है कि मालपुरा शहर में होने वाले दोनों समुदायों के धार्मिक कार्यक्रम गंगा-जमुनी तहजीब के उदाहरण है, महज रास्ते बदलने से सोच बदलने से दिलों की दूरियों को समाप्त किया जा सकता है। ज्ञापन में बताया गया कि हिंदु व मुस्लिम दोनों ही समुदाय एक-दूसरे के पूरक है एवं एक-दूसरे से इस कदर जुडे है कि इनको किसी तरह की घटना अथवा धर्म के आधार पर अलग नहीं किया जा सकता है। शहर में हिन्दू व मुस्लिम समाज के जुलूस यथा ईद, दशहरा, कावड़ यात्रा व मोहर्रम एक दूसरे की बस्तियों के साथ-साथ राजमार्ग से होकर गुजरते है। हमने कभी जुलूसो के मार्ग परिवर्तन की बात नही की। दोनों समाज त्यौंहारों को हिल-मिल कर मनाए। दोनो समाजों के लोगों ने बढ़ चढ़ कर एक दूसरे के जुलूसो में स्वागत ओर सम्मान की परम्परा को उत्तरोत्तर आगे-बढ़ाया है। धार्मिक जुलूसों के मार्ग परिवर्तन का निर्णय दोनों समाज के व्यक्तियों के दिलों में दूरियां बढायेगा जबकि मालपुरा को आवश्यकता है दोनों समुदायों के दिलों में फैली नफरत को खत्म कर आपसी मिलन की। ज्ञापन के माध्यम से सर्व हिंदु समाज ने मांग की है कि रास्तों में परिवर्तन नहीं किया जाएगा। विधायक कन्हैया लाल चौधरी ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि प्रशासन द्वारा मार्ग परिवर्तन के लिए लिया गया निर्णय सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि धार्मिक जुलूसों के दौरान आमजन की सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था पुलिस व प्रशासन की जिम्मेदारी है लेकिन पूर्व में हुई घटना पुलिस एवं प्रशासन की चूक का परिणाम है। ज्ञापन में बताया गया कि धार्मिक जुलूसों के मार्ग परिवर्तन के विषय पर आम राय से सम्पूर्ण हिन्दू समाज ने यह निर्णय लिया है कि परम्परागत मागों से ही जुलूस निकाले जायेगें। उनमें किसी भी प्रकार का परिवर्तन स्वीकार नही है। इसके बजाय दूसरे समुदाय के जिम्मेदार नागरिकों को साथ लेकर दोनों ही समुदायों में इस बात की सहमति बनाई जाएगी कि गलत व्यक्तियों अथवा साम्प्रदायिक सौहार्द्र को बिगाडने वाले लोगों का समर्थन किसी सूरत में नहीं किया जाएगा।

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