विश्व पर्यावरण दिवस पर पौधों का वितरण

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Distribution of plants on World Environment Day
Distribution of plants on World Environment Day

कार्यक्रम का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन से होने वाले दुष्प्रभाव को कम से कम करना है तथा प्रकृति में वृक्षारोपण के द्वारा वन का प्रतिशत बढ़ाना

केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के निर्देशानुसार विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर 5 जून, 2023 को किसान के द्वार एवं अविकानगर मे 250 से भी ज्यादा शहतूत के पौधों का वृक्षारोपण कार्यक्रम किया गया। संस्थान के निदेशक डॉ अरुण कुमार तोमर के मार्गदर्शन मे संस्थान द्वारा संचालित किसानो के लिए विभिन्न परियोजना मे मालपुरा व फागी तहसील मे सघन फलदार एवं छायादार पौधे का वृक्षारोपण कार्यक्रम किसान-वैज्ञानिक संगोष्ठी एवं जागरूकता कैंपों के साथ भीपुर, रामजीपुरा, बछेडा मालपुरा तहसील ओर फागी तहसील की निमेडा पंचायत के गडूडा बैरवा की ढाणी में आईसीएआर की थीम जीवन शैली के लिए पर्यावरण पर विस्तार से विचार विमर्श के साथ आयोजन किया गया। अविकानगर संस्थान की अनुसूचित जाति परियोजना के नोडल अधिकारी डॉ अजय कुमार ने विस्तार से परियोजना द्वारा किसानों के लिए चलाई जा रही योजना के बारे में  जानकारी दी तथा किसान संगोष्ठी एवं जागरूकता कैंप में 100 से भी ज्यादा शहतूत के फलों का वितरण द्वारा पौधारोपण एवं पशुओं के लिए आवश्यक दवाइयों का नि:शुल्क वितरण किया गया। कार्यक्रम में संस्थान के कार्यकारी निदेशक डॉ रणधीर सिंह भट्ट ने इस उपलक्ष्य मे पेड़ों के महत्व के बारे में किसान को विस्तार से बताया और उन्होंने अपने संबोधन में किसान को ज्यादा से ज्यादा छायादार, फलदार पेड़ लगाने की खेतों की मेड़ एवं घर के आंगन में लगाने की अपील की। जिससे पेड़-पौधों के फलों से मानव के लिए पोषण की जरूरत पूरी हो सके ओर पेड़ पौधों की पत्तियां छोटे पशु भेड़- बकरी एवं खरगोश के लिए उपयोग ली जा सके। उपरोक्त कार्यक्रम में संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ सुरेश चंद शर्मा ने भी पर्यावरण के महत्व एवं मोटे अनाजों का भोजन में शामिल करने की महत्वता के बारे में विस्तार से उपस्थित किसानों को सम्बोधन दिया। इसी प्रकार संस्थान की फार्मर फर्स्ट परियोजना के प्रधान अन्वेषक डॉ सत्यवीर सिंह डांगी ने सोडा पंचायत के रामजीपुरा ढाणी में 50 से ज्यादा शहतूत, मिनरल्स मिक्सर पाउडर व ईट, पशु स्वास्थ्य कैलेंडर आदि का वितरण करते हुए परियोजना की किसानों के लिए दिए जाने वाले लाभ को विस्तार से संबोधन दिया। मालपुरा मेगा शीप सीड परियोजना के प्रधान अन्वेषक डॉ पी.के. मलिक तथा पशु अनुवांशिकी एवं प्रजनन विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ. सिद्धार्थ सारथी मिश्रा ओर डॉ राजीव कुमार वरिष्ठ वैज्ञानिक ने भी भीपुर गांव में उपस्थित किसानों को प्लास्टिक के दुष्प्रभाव, मोटे अनाजों की भोजन में उपयोगिता  एवं पर्यावरण के महत्व के बारे में विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। तकनीकी स्थानांतरण विभाग के प्रभारी डॉ लीला राम गुर्जर के निर्देशानुसार डॉ. रंगलाल मीना, पिल्लू मीना की टीम द्वारा बाछेड़ा गांव में पशु स्वास्थ्य शिविर में 800 से ज्यादा भेड़- बकरी एवं अन्य पशुओं का उपचार किया गया तथा 50 से भी ज्यादा शहतूत के पेड़ पौधों का वितरण कर पौधारोपण का कार्य भी बांछेड़ा गांव में किया गया। इसी प्रकार एजीबी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ सिद्धार्थ सारथी मिश्रा के निर्देश अनुसार भी विभाग के  अंतर्गत कार्यरत पांच सेक्टरों पर भी 50 से ज्यादा पेड़ पौधे का पौधारोपण सेक्टर्स पर उपस्थित स्टाफ द्वारा किया गया। उपरोक्त पौधारोपण कार्यक्रम का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन से होने वाले दुष्प्रभाव को कम से कम करना है तथा प्रकृति में वृक्षारोपण के द्वारा वन का प्रतिशत बढ़ाना है। संस्थान के मीडिया प्रभारी डॉ अमर सिंह मीना ने यह जानकारी दी।

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