श्री गणेश महोत्सव समिति के तत्वाधान में शनिवार को हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में गणेश प्रतिमाओं का पुरानी तहसील बम्ब तालाब स्थित प्राचीन गोवला घाट पर विसर्जन किया गया। समाजसेवी नवल सिंह झराना के सुपत्र देवेन्द्र सिंह, जिलाप्रमुख सत्यनारायण चौधरी, पूर्व जिला प्रमुख रामविलास चौधरी, समाजसेवी जी एल चौधरी, पटवार संघ जिलाध्यक्ष रामदास माली, पूर्व उपप्रधान गोपाल गुर्जर, पूर्व डीआर छोगालाल गुर्जर, अखिल भारतीय रैगर महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री रामसहाय वर्मा, इन्द्र चौधरी, कुंदन सिंह, महोत्सव संयोजक कृष्णकांत जैन ने अतिथियों के रूप में शिरकत करते हुए अपने उदबोधन में गणेश महोत्सव की शुभकामनाएं दी व विसर्जन कर गणपति को अगले बरस जल्दी आने का न्यौता दिया। मणिशंकर शर्मा, विनोद शर्मा, पार्षद श्योजीराम शर्मा, रमाकांत पाठक, रवि माहेश्वरी, आकाश शर्मा, कन्हैया लाल सैनी, आनन्द सोनी सहित गणमान्य लोगों ने अतिथियों का राजस्थानी परम्परा से स्वागत किया। गोवला घाट पर गणपति प्रतिमाओं की पूजा अर्चना कर गणपति बप्पा मोरियां के जयकारो के साथ पवित्र सरोवर में विसर्जन कर क्षेत्रवासियों में सुख-समृद्धि की मंगलकामना की गई। गोवला घाट पर दो घंटे तक चले प्रतिमा विसर्जन कार्यक्रम के दौरान हिन्दु महाकुंभ का विहंगम दृश्य देख गणपति के जयकारों व डीजे की गगनभेदी शोर से सम्पूर्ण वातावरण गणपति के रंग में रंगा दिखाई दिया। सम्पूर्ण कार्यक्रम में केसरियां पताकाएं लहराती दिखी। 36 कौम के लोगों को एक मंच पर लेकर गणेश महोत्सव समिति द्वारा कस्बे में साठ से अधिक स्थानों पर गणपति की स्थापना की गई। सिंधी समाज द्वारा घर-घर स्थापित की गई गणपति प्रतिमाओं को भक्तों ने अपने-अपने सिर पर धारण कर शोभायात्रा के रूप में जुलूस में शामिल हुए। चारो दिशाओ से पहुंची प्रतिमाओं का सुभाष सर्किल पर महासंगम हुआ। सुभाष सर्किल पर अपने उदबोधन में मुख्य अतिथि नवल सिंह झराना के पुत्र देवेन्द्र सिंह ने शहरवासियों को हिन्दू एकता के प्रतीक बन चुके गणपति प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए इस अदभुत आयोजन पर बधाई दी। जिला प्रमुख सत्यनारायण चौधरी ने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से भारतीय संस्कृति को अक्षुण्य बनाने के प्रयास से ही हिन्दु समाज संगठित होगा एवं पुन: विश्वगुरू की उपाधि अर्जित करेगा। रामविलास चौधरी ने भी अभूतपूर्व आयोजन पर आयोजन समिति को बधाई दिया। एकत्रीकरण के पश्चात सुभाष सर्किल सेे शुरू हुई शोभायात्रा मेंं युवाओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। भक्तों ने भगवान गणेश के मधुर भजनो पर जमकर नृत्य करते हुए रंग और गुलाल बिखेरते हुए गणपति बप्पा मोरिया रे.. .., देवा ओ देवा गणपति देवा, गणपति आयो रे, अगले बरस तू जल्दी आना रे सरीखे गणेशजी के जयकारों से शहर को गुंजायमान कर दिया। शहर के मुख्य मार्ग में जगह-जगह शोभायात्रा पर पुष्प वर्षा की गई। विभिन्न सामाजिक संगठनों एवं प्रतिष्ठानों के बाहर जुलूस में शामिल लोगों के लिए जलपान की व्यवस्था की गई। श्री घाणा के बालाजी मंदिर विकास समिति की ओर से जुलूस में शामिल भक्तों को छाछ का वितरण किया गया। सायंकाल में ऐतिहासिक बम्ब तालाब पर गोवला घाट सामने गणेश प्रतिमाओं की 1008 दीपकों से महाआरती कर विसर्जन किया गया। वहीं गणेश महोत्सव समिति द्वारा गणेश विसर्जन की पूर्व संध्या पर सुभाष सर्किल पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। देर रात्रि तक चले कार्यक्रम में भारी संख्या में पहुंचे जनसमूह ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में एक से बढकर एक दी गई प्रस्तुतियों का जमकर आनन्द उठाया। इस अवसर पर महोत्सव समिति की ओर से की गई शानदार आतिशबाजी ने सबका मन मोह लिया। गणपति विसर्जन के लिए नौ दिन तक चली गणेश पूजा में प्रत्येक मौहल्ले में गणेश जी महाराज की पूजा-अर्चना एवं आरती की गई एवं भक्ति-संगीत के कार्यक्रम आयोजित किए गए।