पीडिता को न्याय दिलाने की मांग पर सांसद जौनापुरिया व विधायक चौधरी ने दिया धरना, बाछेड़ा पहुंचकर परिजनों को दी सांत्वना

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पचेवर थाना क्षेत्र के बाछेडा गांव में किशोरी से गैंगरेप के मामले में शुक्रवार को टोंक-सवाईमाधोपुर सांसद सुखवीर सिंह जौनापुरिया बाछेडा गांव पहुंचे। जहां उन्होंने पीडित परिजनों से घटना की जानकारी लेते हुए सांत्वना दी तथा पीडीता के न्याय की लडाई में साथ खडे होने का भरोसा दिलाया। इस दौरान विधायक कन्हैया लाल चौधरी, पूर्व विधायक राजेन्द्र गुर्जर, जिलाध्यक्ष राजेन्द्र पराना, पूर्व जिलाध्यक्ष सतीश चंदेल, नरेश बंसल, पूर्व मंडल अध्यक्ष टोंक विष्णु शर्मा, जिला महामंत्री रामचन्द्र गुर्जर, जिला मंत्री नरेन्द्र जैन नीटू, गुर्जर समाज अध्यक्ष माधूलाल गुर्जर, गुर्जर महासभा जिलाध्यक्ष बच्छराज गुर्जर, भाजपा शहर मंडल अध्यक्ष त्रिलोक चंद जैन, नोरत बीलवाल सहित अन्य भाजपाई मौजूद रहे। प्रशासन की ओर से तहसीलदार अनिल कुमार चौधरी, पचेवर थानाधिकारी सत्यनारायण चौधरी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि बाछेडा की घटना अत्यन्त निदंनीय व शर्मसार कर देने जैसी है तथा उपमुख्यमंत्री एवं प्रदेश सरकार के मंत्री की ओर से पीडीता व परिजनों को मामूली आर्थिक सहायता प्रदान की जो नाकाफी है। इसके बाद मालपुरा पहुंचे भाजपाईयों ने सांसद जौनापुरिया के नेतृत्व में एएसपी कार्यालय के बाहर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया व धरने पर बैठ गए। सांसद व विधायक के नेतृत्व में भाजपाईयों ने मुख्यमंत्री, चिकित्सा मंत्री, पुलिस अधीक्षक टोंक, जिला कलक्टर, पुलिस उपाधीक्षक मालपुरा के नाम हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में अवगत करवाया कि मेडिकल मुआयना करवाने के दौरान पीडिता की उम्र अधिक दर्ज करवाई गई है, महिला चिकित्सक द्वारा पीडीता से दुव्र्यवहार किए जाने का आरोप लगाया गया है। साथ ही बताया गया है कि इस घटना से सम्पूर्ण जिले में आक्रोश व्याप्त है। यह मांग भी की गई है कि पीडीता की उम्र सम्बन्धित मेडिकल मुआयना बोर्ड का गठन करवाया जाकर दोबारा करवाई जाए थानागाजी प्रकरण में सरकार द्वारा दी गई मदद की तर्ज पर बाछेडा काण्ड की पीडीता को आर्थिक मदद के रूप में पचास लाख रूपए व उसके परिवार के किसी सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। अपराधियों की सुनवाई कोर्ट में करवाई जाकर दो माह में प्रकरण का निर्णय किया जाकर अपराधियों को कठोर से कठोर सजा दिए जाने की मांग के साथ-साथ उसके परिवार की सुरक्षा व्यवस्था किए जाने, पीडिता के शीघ्र दफा 164 जाब्ता फौजदारी में बयान दर्ज करवाकर चार्जशीट न्यायालय में पेश करवाए जाने की मांग की है। ज्ञापन के माध्यम से उक्त मांगो को पांच दिन में मानकर पीडिता को राहत पहुंचाए अन्यथा यह आक्रोश राज्य स्तर पर किया जाएगा जिसके दौरान होने वाली क्षति की जिम्मेदार राज्य सरकार होगी।

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