ऑनलाइन पशुपालक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन

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राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर की ओर से संचालित पशु विज्ञान केंद्र- टोंक द्वारा आज दिनांक 16 अप्रैल 2021 को हे तथा साइलेज बनाने की विधि विषय पर ऑनलाइन पशुपालक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया| शिविर में डॉ. योगेश  आर्या (मुख्य वक्ता, पशु चिकित्सा अधिकारी, पशुपालन विभाग), डॉ. राजेश सैनी व डॉ. नरेंद्र चौधरी  ने पशुओं के लिए हे तथा हरे चारे का आचार-   साइलेज  बनाने की विधि तथा इसकी विशेषताओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी|  शिविर में बताया कि  चारे की  बिना पौष्टिकता की हानि के, इन विधियों के माध्यम से वैज्ञानिक तरीके से चारे का भंडारण किया जा सकता है ताकि चारे की कमी के समय उसका प्रयोग पशुओं को खिलाने के लिए किया जा सके| शिविर में बताया कि हे बनाने के लिए बरसीम, लूसर्न, सोयाबीन, मटर, लोबिया, ज्वार, नेपियर, जौ, जई, बाजरा, मक्का आदि का प्रयोग किया जा सकता है  तथा  चारे को परतो या गठ्ठर बनाकर  सुखाकर  हे बनाया जा सकता है|  शिविर में बताया कि  जिन फसलों में घुलनशील कार्बोहाइड्रेट अधिक मात्रा में होते हैं जैसे- ज्वार, मक्का, जई, गिनी घास, नेपियर आदि साइलेज बनाने के लिए उपयुक्त होती है तथा 20 से 30 किलोग्राम  प्रति वयस्क पशु  को साइलेज खिला सकते हैं| साइलेज बनाने के लिए चारे की फसलों को फूलने से लेकर दानों के दूधिया होने तक की अवस्था में काट लेना चाहिए | शिविर में 31 पशुपालकों ने भागीदारी निभाई|

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