स्वामी विवेकानन्द के ओजपूर्ण चेहरे, गेरूआ भेष और उनकी वाणी से निकले हुए शब्दों से प्रेरणा लें युवा: डाॅ. सतीश पूनियां

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भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर आज आमेर के सरदारपुरा (रोजदा) में भाजयुमो राजस्थान एवं गो ग्रीन फाउण्डेशन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित ‘‘सघन वृक्षारोपण कार्यक्रम’’ का शुभारम्भ किया। नौजवान शक्ति ही देश की ताकत है, मैं आशान्वित हूँ कि जाति, बिरादरी, विचार एवं पंथ इन सबसे इतर भारत की नई पीढ़ी भारत को गौरव दिला सकती है, स्वाभिमानी बना सकती है और नई बुलन्दियों पर ले जा सकती है। डाॅ. पूनियां के साथ भाजयुमो प्रदेशाध्यक्ष हिमांशु शर्मा ने भी वृक्षारोपण किया। इससे पहले डाॅ. पूनियां ने आवास पर स्थित जनसंवाद केन्द्र कार्यालय पर युवाओं के प्रेरणास्त्रोत स्वामी विवेकानन्द जी की जयंती पर उन्हें पुष्प अर्पित कर नमन किया। इस दौरान हिमांशु शर्मा, जयपुर, अलवर, करौली सहित विभिन्न जिलों के लोगों ने भी स्वामी विवेकानन्द जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन किया। डाॅ. पूनियां ने सम्बोधित करते हुए यही भारत की ताकत है कि जब दुनिया के दूसरे देश भी भारत की तरफ देखते हैं कि भारत क्या बोलता है? और भारत जब बोलता है तो आप अनुमान लगा सकते हो, कल्पना कर सकते हो उस दृश्य की 1893 में शिकागो के विश्व धर्म सम्मेलन में जब स्वामी विवेकानन्द ने अपने सम्बोधन में कहा था कि अमेरिका भाईयों और बहनों ‘‘ब्रदर्स एण्ड सिस्टर्स आॅफ अमेरिका’’ केवल इन शब्दों के चमत्कारों से और तालियों की गूंज पूरे विश्व में गूंज उठी। ये भारत के आध्यात्म की, धर्म की और महापुरूषों के इस गूंज की ताकत है। डाॅ. पूनियां ने कहा कि भारत सनातन देश है, जिसकी संस्कृति, धर्म, कर्म, इतिहास, आध्यात्म ये बड़ी ताकत बनकर खड़े हुए हैं और उसी ताकत की परम्परा का हिस्सा थे स्वामी विवेकानन्द जी। उन्होंने युवाओं से आव्हान किया कि स्वामी जी के उस ओजपूर्ण चेहरे को देखें, उनके माथे के ओज एवं उनके गेरूआ भेष और परिवेश को देखें और उनकी वाणी से निकले हुए उन शब्दों को देखें, उनसे प्रेरणा लें। हम सब लोग सौभाग्यशाली हंै कि हम सब लोगों ने भारत की धरती पर जन्म लिया है। उन्होंने कहा कि मुझे अच्छे तरीके से याद है कि एपीजे अब्दुल कलाम साहब का राष्ट्रपति पद के लिए उनका नाम तय हुआ और उनको उस समय के प्रधानमंत्री के कार्यालय के मंत्री ने पूछा कि कलाम साहब आपके राष्ट्रपति के नामांकन के लिए कौनसा मुहुर्त ठीक रहेगा। उन्होंने बेहद खूबसूरत जवाब दिया, उन्होंने कहा कि मैं एक साधारण मछुआरे के घर में पैदा हुआ, मैं दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का मुखिया बनूंगा, तो आप मान सकते हैं कि भारत की धरती पर पैदा होना ये सबसे बड़ा सौभाग्य है। इसलिए किसी भी मुहुर्त में फाॅर्म भरो, लेकिन भारत की धरती पर पैदा होना ही सौभाग्य है, इसलिए सारे मुहुर्त अच्छे मानो। डाॅ. पूनियां ने कहा कि 80 के दशक में अन्तरिक्ष यात्री राकेश शर्मा अन्तरिक्ष में गये हुए थे, चुनौतियों के बीच और कैसी जोखिमों के बीच में वो गये होंगे। उस समय के प्रधानमंत्री ने पूछा कि राकेश शर्मा जी दुनिया कैसी दिखती है, उस अन्तरिक्ष यात्री के लफ्ज थे सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा। सनातन धर्म की ध्वजा जो शिकागो में स्वामी जी के श्रीमुख से निकली हुई अविरल गंगा की तरह निकले शब्दों ने पूरी दुनिया को एक संदेश दिया। उन्होंने कहा कि विषमता, भ्रष्टाचार का इस तरीके का ताण्डव, इन सबके बीच में आज के नौजवान की दशा और दिशा क्या होगी। इस प्रकार का यक्ष प्रश्न समाज के सामने खड़ा है। आप जैसे सब ऊर्जावान नौजवान इस जातिवाद के जहर से लड़ेंगे, भ्रष्टाचार से लड़ेंगे, अराजकता से लड़ेंगे।
डाॅ. पूनियां ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वामी विवेकानन्द सहित सभी महापुरूषों के सदकार्यों को आगे बढ़ा रहे हैं और उन्होंने देशवासियों से अपील की कि भारत को साफ रखो, भारत को गन्दगी मुक्त करो और इसलिए स्वच्छ भारत मिशन चलाया। मैं देखता हूँ कि जगह-जगह सड़कों पर नौजवान किस तरीके से सफाई के काम में जुटे हैं। उन्होंने अपील की कि देश में लैंगिक विषमता को लेकर उन्होंने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का अभियान चलाकर बड़ा संदेश दिया।

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