राजस्थान  रोडवेज के श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चा के 12 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल की लगभग डेढ़ घंटे परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास से वार्ता हुई। वार्ता में संयुक्त मोर्चा की ओर से एटक के प्रदेश अध्यक्ष एम.एल. यादव वमहासचिव धर्मवीर चौधरी, सीटू के संरक्षक गोविन्द पिल्लई व कार्यकारी अध्यक्ष सतवीर चौधरी, इंटक के प्रदेश अध्यक्ष आलोक दुबे व उपाध्यक्ष जयपाल सिंह, एसोसिएशन के महासचिव हरगोविन्द शर्मा उप महासचिव सुरेन्द्र मोहन सक्सेना, बीजेएमएम के महामंत्री मोहन मुरारी सक्सेना व संगठन मंत्री राधेश्याम ज्योतिषी तथा कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष ताराचंद जैन व महामंत्री शुभकरण आढ़ा ने भाग लिया। परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि सरकार का रोडवेज के निजीकरण का कोई विचार नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि रोडवेज के स्टैण्डों से प्राइवेट बसें नहीं चलाई जायेंगी। संयुक्त मोर्चा की ओर से शुरुआत करते हुए एम.एल. यादव ने 7वें वेतनमान,सेवानिवृत्ति परिलाभों के भुगतान, रिक्त पदों पर भर्ती, वेतन, पेंशन एवं एक महीने के सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान प्रत्येक माह की पहली तारीख को करने, नई बसों की खरीद एवं प्राइवेट बसों के अवैध संचालन को रोकने के बारे में कर्मचारियों का पक्ष रखा। उन्होंने परिवहन मंत्री खाचरियावास को उनके द्वारा सत्ता में आने से पूर्वकर्मचारियों के बीच आकर किये गये वादों की भी याद दिलाई। यादव ने सुझाव दिया कि रोडवेज कर्मियों के लिए 7वां वेतनमान 01 जनवरी 2016से लागू करते हुए वर्तमान में नोशनल वेतन निर्धारण करके वेतन देना शुरु कर दिया जाए तथा एरियर के भुगतान के तरीके पर अलग से विचार कर लिया जाए। बकाया सेवानिवृत्ति परिलाभों के एकमुश्त भुगतान के साथ ही प्रतिमाह वेतन पेंशनके साथ एक महीने के भुगतान की मांग की गई। इसी के साथ वेतन, पेंशन एवं एक माह के सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान प्रत्येक माह की पहली तारीख को करने की मांग की गई। इसके अलावा एक हजार नई बसें खरीद कर अनुबंधित वाहनों को हटाने एवं प्राइवेट वाहनों को रोडवेज स्टैण्डों से दूर से संचालित करने आदि मुद्दों पर भी संयुक्तमोर्चा प्रतिनिधियों द्वारा  अपना पक्ष रखा गया। परिवहन मंत्री द्वारा बकाया सेवानिवृत्ति परिलाभों के भुगतान को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सातवें वेतन आयोग सहित सभी मुद्दों पर सकारात्मक कार्यवाही काविश्वास दिलाया गया।बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए संयुक्त मोर्चा की ओर से यादव ने स्पष्ट किया कि मंत्री महोदय द्वारा दिये गये आश्वासन के अनुरूप कार्यवाही नहीं की गई तो संयुक्त मोर्चा द्वारा मीटिंग करके जल्दी ही प्रदेशव्यापी आंदोलन की घोषणा की जायेगी तथा जरूरत पड़ी तो हड़ताल तक की जाएगी।

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