पटवारियों की हड़ताल से अटके काम,  किसान-आमजन परेशान, छह माह से ठप्प पड़ा है काम-किस से करे गुहार ?

 

जनवरी माह से पटवारियों द्वारा अतिरिक्त कार्यभार वाले पटवार मंडलों का बहिष्कार करने के चलते शुरू की गई हडताल से पटवार घरों पर ताला लटका हुआ है। इससे किसानों व आमजन के राजस्व संबंधी कई काम अटके हुए है। ज्ञात रहे कि जिले में राजस्व काम के निस्तारण के लिए पटवारी के 377 पद स्वीकृत हैं, लेकिन सरकार की अनदेखी के चलते जिले में 152 खाली चल रहे हैं। ऐसे में सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर वर्तमान पटवारियों को ही पास के पटवार मंडल का कार्यभार दे रखा है लेकिन जनवरी माह से अतिरिक्त कार्यभार वाले पटवार मंडलों का काम करने से संबंधित पटवारियों ने मना कर दिया।

 यही नहीं इन अतिरिक्त कार्यभार वाले पटवार मंडलों का बहिष्कार करते हुए पूरे दस्तावेज संबंधित तहसील कार्यालय में जमा करा दिए। ऐसे में अतिरिक्त कार्यभार वाले पटवार मंडलों पर ताला लटक गया। इस कारण इन पटवारियों से जुड़े हजारों किसानों के गश्त गिरदावरी, नामांतरण, सीमा ज्ञान, के सी सी, नकल प्रतिलिपी, जाति प्रमाण पत्र, ईडब्लूएस आदि कार्य ठप्प पडे है।

 

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मालपुरा क्षेत्र में कुल 59 पटवार क्षेत्र है, जिनमें 21 पटवार क्षेत्र ऐसे है जिनके पास दो या दो से अधिक पटवार क्षेत्र है। एलआर कार्यालय सहित कुल 64 पटवारियों के पद स्वीकृत है जिनमें से वर्तमान में 38 पटवारी कार्यरत है तथा 26 पद रिक्त चल रहे है। 15 जनवरी से पटवारियों की हडताल लगातार जारी है। तहसीलदार औमप्रकाश जैन ने बताया कि गिरदावर संघ की ओर से पटवार सर्किलों का चार्ज नहीं लेने बाबत ज्ञापन दिया जा चुका है तथा वे भी पटवारियों के साथ इस विरोध प्रदर्शन में शामिल है। रिक्त पडे सर्किलों में पूरी तरह कार्य बंद है।

तहसील के इन पटवार मंडल पर लटके हैं ताले-मालपुरा तहसील में कुराड, किरावल, घाटी, मलिकपुर, लावा द्वितीय देशमा, कुटका, टोरडी प्रथम, टोरडी द्वितीय, भावलपुर, कांटोली, धोली, झाड़ली, सांस, बृजलाल नगर, बागडी, सिंधोलिया, चावंडिया, भीपुर, चैनपुरा में भी पटवारी नहीं है।

 

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ये सरकार के स्तर का मामला है- तहसीलदार औमप्रकाश जैन ने बताया कि पटवारियों के अतिरिक्त पटवार मंडलों के बहिष्कार का मामला सरकार के स्तर का है। फिर भी प्रशासन की ओर से पूरा प्रयास किया जा रहा है कि इनसे कामकाज के लिए लोग परेशान नहीं हो।

 

 

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