कल्याणधणी की एक झलक पा कर निहाल हुए भक्त, भक्ति की बही बयार

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लगभग 210 दिनों तक श्रद्धालुओं के लिए बंद किए कल्याणधणी के द्वार रविवार को मंगला आरती के साथ खोल दिए गए जहां सशर्त दर्शनों की अनुमति दी गई। कल्याण धणी के दर्शनों की अनुमति मिलने की खबर के साथ ही श्रद्धालुओं ने तीर्थनगरी डिग्गी पहुंचकर सरकारी एडवायजरी की पालना करते हुए बारी-बारी से दर्शन कर पुण्य लाभ कमाया। इस दौरान लबे समय से मंदिर के पट खुलने का इंतजार करने वाले श्रद्धालु कल्याणधणी की एक झलक पाहर निहाल हो गए तथा उन्होंने कल्याणधणी के दरबार में मत्था टेक कर विश्वजन के लिए कोरोना सहित अन्य बीमारियों से मुक्ति देने की प्रार्थना की। इस दौरान पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने भी डिग्गी मंदिर पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया तथा आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए मंदिर में प्रवेश के लिए आने वाले दर्शनार्थियों से एडवायजरी की कठोरता से पालना करवाए जाने के लिए निर्देशित किया। तीर्थनगरी डिग्गी में लगभग आठ माह बाद चहल-पहल नजर आई तथा व्यापारियों एवं पुजारी परिवार के सदस्यों में प्रसन्नता दिखाई इी। साथ ही दर्शनार्थियों को भी भगवान के दर्शन हो जाने से सुकुन महसूस हुआ। मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार मीणा ने बताया कि मंदिर में दर्शनों के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को कोविड-19 के लिए जारी की गई सरकारी एडवायजरी की पालना करते हुए हैंडवॉश, सैनेटाईजर, मॉस्क का अनिवार्य प्रयोग, निश्चित दूरी की पालना किए जाने की सुनिश्चितता के साथ दर्शनों की अनुमति दी गई है। इसका उल्ल्ंघन करने की दशा में ना तो मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा ना ही मंदिर में प्रसाद, फूलमाला व अन्य किसी प्रकार की पूजन सामग्री अंदर ले जाने की अनुमति होगी। डॉ. मीणा ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना का संक्रमण आज भी जानलेवा बना हुआ है तथा सरकारी एडवायजरी की पालना करना आपके व परिवार के हित में है। उन्होंने बताया कि दर्शनार्थियों की सुरक्षा एवं दर्शनों की सुगमता के लिए मंदिर ट्रस्ट की ओर से आठ बाउंसर की व्यवस्था की गई है। जो मंदिर के प्रवेशद्वार से लेकर मंदिर परिसर में दर्शनार्थियों को सरकारी एडवायजरी की पालना करते हुए दर्शन करने के लिए प्रेरित करेंगे। पुलिस उपाधीक्षक चक्रवर्ती सिंह राठौड ने कल्याण मंदिर पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया तथा मंदिर ट्रस्ट सदस्यों एवं पुजारियों को मंदिर में एडवयजरी का उल्लंघन नहीं होने देने के लिए पाबंद किया।

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