चिकित्सक के रूप में नियुक्ति मिलते ही कोरोना के खिलाफ जंग में हुए शामिल

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उपखंड क्षेत्र के छोटे से गांव आवड़ा ग्राम पंचायत निवासी डॉ कमल छरंग व डॉ. जीतराम कांटवा ने जहां ग्रामीण क्षेत्र से चिकित्सक बनने का गौरव पाया वहीं चिकित्सक के रूप में नियुक्ति मिलते ही कोविड-19 के खिलाफ चल रही जंग में शामिल होकर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। दोनों ही चिकित्सकों ने चिकित्सक बनते ही कोविड-19 के खिलाफ मुहिम में शामिल होने को मौका मिलने को राष्ट्र सेवा का सौभाग्य बताया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार आवड़ा ग्राम पंचायत के डा कमल छरंग व डा जीतराम कांटवा को ग्राम पंचायत के पहले चिकित्सक बनकर सरकारी सेवा में चिकित्सा अधिकारी के रूप में ड्यूटी ज्वाइन की है। पूर्व सरपंच रामलाल चौधरी ने बताया कि आवड़ा गांव के किसान भैरुराम छरंग के सबसे छोटे पुत्र डॉ कमल ने टोडारायसिंह तहसील के राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मांदोलाई में चिकित्सा अधिकारी के पद पर ड्यूटी ज्वाइन की है। आवड़ा ग्राम पंचायत के राजस्व गांव तून्देडा के किसान हरजीराम कांटवा के पुत्र जीतराम कांटवा ने टोडारायसिंह तहसील के राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पंवालिया में चिकित्सा अधिकारी के पद पर ड्यूटी ज्वाइन की है। ग्राम पंचायत के पहले चिकित्सक बने डॉ कमल व डॉ जीतराम ने एमबीबीएस प्रवेश के लिए साथ साथ ही सीकर से कोचिंग की थी तथा वर्ष 2013 में दोनों का चयन सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज जयपुर में एमबीबीएस के लिए हुआ था। दोनों चिकित्सकों का पदस्थापन भी एक ही तहसील टोडारायसिंह ब्लॉक में चिकित्सा अधिकारी के पद पर सरकारी सेवा में हुआ है तथा सरकारी सेवा में चयन होने के पश्चात दोनों नवनियुक्त चिकित्सक कोविड-19 में सेवाएं देकर राष्ट्र के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। आवड़ा ग्राम पंचायत से डॉ कमल व डॉ जीतराम के पहले चिकित्सक बनने तथा सरकारी सेवा में चिकित्सक अधिकारी के पद पर चयन होने से ग्राम पंचायत सहित आसपास के क्षेत्र में खुशी की लहर व्याप्त है।

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