धर्म-देशभक्ति व हास्य से ओतप्रोत कवि सम्मेलन में देर रात तक जमे रहे श्रोता

0
341

मालपुरा नगरपालिका के तत्वाधान में दशहरे की पूर्व संध्या पर सुभाष सर्किल पर विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें देश के ख्यातिनाम कवियों ने एक से बढकर एक कविताओं का काव्यपाठ कर उपस्थित जनसमूह का मनोरंजन करते हुए श्रेष्ठ रचनाओं पर भरपूर दाद पाई। कवि सम्मेलन में विधायक कन्हैया लाल चौधरी, उपजिला प्रमुख एडवोकेट अवधेश शर्मा, पालिकाध्यक्ष आशा महावीर नामा ने अतिथियों के रूप में शिरकत की। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोवर्धन लाल सौंकरिया, एसडीएम अजय कुमार आर्य भी मौजूद रहे। अतिथियों एवं कवियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष द्वीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। विधायक, एडवोकेट रवि कुमार जैन सहित पालिका मंडल पार्षद एवं प्रबुद्धजनों ने कवियों एवं अतिथियों का केसरिया दुपट्टा पहनाकर सम्मान किया। कवि सम्मेलन में अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त डॉ. हरिओउम पंवार, संजय झाला जयपुर, डॉ. रूचि चतुर्वेदी आगरा, दिनेश देशी घी-शाहजहांपुर, कवि कौशल-कौशलेन्द्र मालपुरा, मुन्ना बेटरी-मंदसोर, राम भदावर इटावा, अंकिता चिंगारी-विजयनगर अपने-अपने रस व शैली की और सम-सामयिक विषयों पर एक से बढकर एक कविता पाठ कर देर रात तक समां बांधे रखा। दिनेश आनन्द ने मंच संचालन करते हुए अतिथियों का स्वागत कर कवियों का परिचय दिया। कवियत्री डॉ. रूचि चतुर्वेदी आगरा ने मां शारदे की वंदना से कवि सम्मेलन का शुभारम्भ किया। डा्. रूचि चतुर्वेदी आगरा ने मां शारदे वरदान दे, सदभाव दे सदज्ञान दे.. .. .., वीर रस की कवियत्री अंकिता चिंगारी विजयनगर ने समूचे देश को उनको नमन यूं ही नहीं मिलता, अदब, सम्मान का उनको गगन यूं ही नहीं मिलता.. .. .. वतन की आन की खातिर जो अपनी जान देते है, शहीदो को तिरंगे का कफन यूं ही नहीं मिलता की प्रस्तुति देकर श्रोताओं की भरपूर दाद पाई। काव्य जगत के चिर-परिचित कवि कौशल कौशलेन्द्र के पुत्र व नवोदित कवि दिव्य शर्मा ने मालपुरा की धरती से काव्यजगत में प्रवेश करते हुए अपनी ही धरती पर प्रथम काव्यपाठ करने का सौभाग्य प्राप्त किया तथा ओज शैली में कश्मीरी पंडितों की पीडा व धारा 370 हटाने को लेकर मार्मिक कविता-उतर आया आंखो में जालिम वहशत जागी थी.., रातों रात कौम पंडितों की अपने घर से भागी थी सुनाकर कश्मीरी पंडितों के दर्द को शब्द प्रदान किए। वीर रस के कवि राम भदावर ने उन नवेली पीढीयों के सार भी हो जाओगे, थाल पूजा के बनोगे आरती हो जाओगे, देश के इतिहास का यदि अंश भर जानोगे तब बस उसी दिन आप सच्चे भारतीय हो जाओगे.., डॉ. रूचि चतुर्वेदी ने गीत-गजल की प्रस्तुति देकर कवि सम्मेलन को नई उंचाईया प्रदान की। चतुर्वेदी ने श्रंगार की कविताओं से समां बांधते हुए राम हमारे मन में है, तन में प्रभु नाम समाया है अंतिम सांसो तक जिव्हा ने राम नाम ही गाया है..। हास्य कवि मुन्ना बेटरी मंदसोर अपने हास्य-व्यंग्य से श्रोताओं को लोटपोट कर दिया। बेटरी ने दिखाकर जख्म अब बेधडक बोल देती है, झुर्रियों से दिखती सब तडप बोल देती है.. कौशल कौशलेन्द्र ने प्रण पिता का ना टूटे, यही सोचकर राम ने एक पल में दिया छोड घर, राम जी की कथा वो भी करवा रहे, जिसने मां-बाप को कर दिया दर-ब-दर.., गीत की प्रस्तुति देकर आंखो को नम कर दिया। दिनेश देशी घी ने अपनी हास्य कविताओं व पैरोडियों से श्रोताओं को भरपूर मनोरंजन करते हुए पेट पकडने को मजबूर कर दिया। अन्तर्राष्ट्रीय राष्ट्रवादी कवि हरि ओउम पंवार ने अपने अंदाज में काव्यपाठ शुरू किया तो सम्पूर्ण शहरवासियों ने तालियों की गडगडाहट से जोरदार सम्मान दिया तथा चहेते कवि का मालपुरा की धरती पर पूरा सम्मान किया। पंवार ने भय बिन होय न प्रीत गुंसाई, रामायण सिखलाती है, राम-धनुष के बल पर ही तो सीता लंका से आती है, जब सिंहों की राजसभा में गीदड़ गाने लगते हैं, तो हाथी के मुंह के गन्ने चूहे खाने लगते हैं, केवल रावलपिंडी पर मत थोपो अपने पापों को, दूध पिलाना बंद करो अब आस्तीन के सांपों को, अपने सिक्के खोटे हों तो गैरों की बन आती है, और कला की नगरी मुंबई लोहू में सन जाती है, राजमहल के सारे दर्पण मैले-मैले लगते हैं, इनके खूनी पंजे दरबारों तक फैले लगते हैं, इन सब षड्यंत्रों से परदा उठना बहुत जरुरी है, पहले घर के गद्दारों का मिटना बहुत जरुरी है। कवि पंवार यहीं नहीं रूके उन्होंने अपने जोशीले अंदाज में पकड़ गर्दनें उनको खींचों बाहर खुले उजाले में, चाहे कातिल सात समंदर पार छुपा हो ताले में, ऊधम सिंह अब भी जीवित है ये समझाने आया हूं, घायल भारत माता की तस्वीर दिखाने लाया हूँ.. .. .. सहित अन्य प्रसिद्ध कविताएं सुनाकर श्रोताओं में जोरदार जोश भर दिया। पांडाल में मौजूद श्रोताओं ने भारत माता की जय के घोष लगाकर कवियों व शहरवासियों को देशभक्ति से ओतप्रोत कर दिया। देर रात तक चले कवि सम्मेलन में उत्कृष्ट कवियों की श्रेष्ठ रचनाओं से शहरवासी आल्हादित दिखाई दिए तथा नगरपालिका मंडल की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here