प्रकृति की मार ने तोडी किसानों की कमर, मेहनत पर फिरा पानी

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कडाके की ठंड में पाले के प्रकोप से क्षेत्र के किसानों को काफी नुकसान हो रहा है। लाल टमाटर के लिए प्रसिद्ध मालपुरा के अम्बापुरा गोलीपुरा क्षेत्र में पाले का ऐसा कहर टूटा कि किसानों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। कोरोना काल के कहर से किसान अभी उबर भी नहीं पाए थे कि पाले ने उन्हें दोहरी चोट दे दी है। टमाटर की खेती करने के लिए किसानों ने बैंकों से कर्ज लिया था लेकिन फसल बर्बाद हो जाने के बाद उन्हें यह नहीं समझ में आ रहा है कि कर्ज की अदायगी कैसे होगी? अम्बापुरा निवासी राधेश्याम माली का कहना है कि बडी उम्मीद के साथ टमाटर की खेती की गई थी। लेकिन लागत भी नहीं निकल पाई। राधेश्याम ने बताया कि हम किसानों को नुकसान पर नुकसान हो रहा है लेकिन सरकार द्वारा किसानों को कोई क्षतिपूर्ति नहीं दी गई जबकि फसली ऋण लेते समय बीमा का धन काट लिया जाता है। टमाटर की लम्बी खेती करने वाले किसानों ने बताया कि टमाटर की खेती में लागत खर्च अधिक होने व प्रकृति की मार से भारी मात्रा में नुकसान हुआ है। किसानों ने बताया कि टमाटर की व्यवसायिक रूप से खेती करने वाले किसानों के सामने बैंकों व समितियों का फसली ऋण चुकाने में असमर्थ हो गए हैं। किसानों ने प्रशासन से पाले के कारण हुए नुकसान की जांच कराकर मुआवजे की मांग की है। किसानों ने बताया कि फसलों में पाले से फसलों के नष्ट होने के बावजूद कृषि केन्द्रों से बचाव की कोई उचित सलाह नही मिल पाई है।

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