एक रात, भारी मेघ गर्जनाओं के साथ हुई बारिश, सुबह तालाब, जलाशय हुए लबालब,

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स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर घरों में सोए लोगों को अगले दिन उठने पर शायद यकीन ही नहीं आया होगा कि एक ही रात में हुई तेज बारिश ने क्षेत्र में चल रही बारिश की कमी को ना केवल पूरा कर दिया बल्कि जलाशयों, तालाबों एवं बांधो में रिकार्ड पानी की आवक भी हो गई। शुक्रवार की रात को आसमान पर छाए काले बादल पूरी रात जमकर बरसे। देर रात हुई बारिश में भारी मेघ गर्जनाओं के साथ कभी तेज तो कभी मद्धम लेकिल लगातार हुई बरसात से चारों ओर पानी बह निकला। तेज बारिश के दौर में यह आलम रहा कि घरों में छतों के नालों में पानी नहीं समाया, यही हाल कमोबेश नालों व नालियों का रहा, सडके व रास्ते पूरी तरह जलमग्र हो गए। लगातार बारिश के बारण नीचले इलाकों में पानी भरने की समस्या यथावत रही। बस स्टैण्ड, नवीन मंडी, महावीर मार्ग, ट्रक स्टैण्ड, मीर कॉलोनी, गुर्जर बस्ती, सहित कई इलाकों में पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण भारी मात्रा में पानी जमा हो गया तथा देखते ही देखते दुकानों एवं मकानों में भर गया। महावीर मार्ग, बस स्टैण्ड सहित नीचले इलाके में देर रात हुई इस बारिश से मानो जोरदार आसमानी आफत आ गई हो। मकानों एवं दुकान मालिकों ने अपने-अपने संसाधनों से भरे हुए पानी को बाहर निकाला एवं जमकर प्रशासन को कोसा। पूर्व में भी कई बार नगरपालिका को ज्ञापन देने के बावजूद पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं होने से हर बार बस स्टैण्ड व महावीर मार्ग में पानी भर जाता है लेकिन आज तक समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ जिससे थोडी से बारिश में यहां पानी भर जाता है। उपखंड क्षेत्र में भी बारिश का आलम यही रहा, भीषण बारिश के चलते क्षेत्र में डेढ दर्जन से अधिक कच्चे-पक्के मकान धराशायी हो गए तो कई स्थानों पर दीवारें गिर गई, गनीमत यह रही कि कहीं भी जनहानि नहीं हुई। लेकिन घरों के ढहने एवं कच्चे मकानों के क्षतिग्रस्त होने से कई परिवारों के सिर से छत छिनने का खतरा मंडरा गया। एक रात की बारिश के बाद ग्रामीण क्षेत्र में कई लोगों के आशियाने उजड जाने से हाहाकार मचा हुआ है। खास बात यह है कि आमजन के हितों को साधने का दावा करने वाले जनप्रतिनिधि व सरकार के नुमाईन्दें भी इन पीडीत परिवारों के आसंू पौंंछने के लिए आगे नहीं आ रहे है। पीडीत परिवारों को मजबूरन पडौसियों अथवा सार्वजनिक स्थानों पर शरण लेने को मजबूर होना पड रहा है। कलमंडा-रामपुरा में भारी बारिश के चलते चारों ओर पानी ही पानी एकत्रित हो गया है। आमली-पुरोहितान में तेज बारिश से तालाब के लबालब हो जाने से तालाब की पाल टूट गई जिससे पूरा गांव पानी से घिर गया। कलमंडा गांव में बारिश के बाद पानी की आवक होने से एक रात में तालाब पूरी तरह लबालब हो गया। किरावल से मेन्दवास की ओर से जाने वाली सडक पानी में डूब गई जिससे रास्ते का अनुमान लगाना तक कठिन हो गया। लावा में जोरदार बारिश के चलते नारायणपुरा गांव टापू बन गया। खेतों में तीन-से चार फीट पानी भर जाने से फसलों के गलने का खतरा उत्पन्न हो गया है जिससे एक बार फिर से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरे दिखाई देने लगी है। किसानों ने बताया कि लगातार बारिश होने से खेतों में पानी भर गया है तथा फसले डूंब गई है। सिन्धौलिया गांव के जोगी नाडा गांव में बारिश के चलते कैलाश नाथ पुत्र सुवा नाथ के मकान की दीवारे गिर गई लेकिन कोई जनहानि नहीं होने पर परिवार ने ईश्वर का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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