दो दिवसीय सेमीनार में देशभर से जुटी दिग्गज हस्तियां

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जिला गुर्जर कर्मचारी अधिकारी कल्याण परिषद टोंक के तत्वाधान में शनिवार को इतिहास एवं विकास के द्वंद से जूझता गुर्जर समुदाय विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय गुर्जर गौरव सेमिनार का भव्य शुभारम्भ केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर के सभागार में हुआ। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि गुर्जर कल्याण सभा के प्रदेशाध्यक्ष दामोदर गुर्जर ने कहा कि गुर्जर समाज वर्तमान में रूढिवादिता, अंधविश्वास, सामाजिक परम्पराओं के निर्वहन सहित कई सामाजिक बुराईयों से ग्रसित है जिनको समाप्त करने की आवश्कता है। गुर्जर समाज का इतिहास गौरवमयी रहा है ऐसे में समाज को जाग्रत करने की जरूरत है। जिससे समाज का चहुमूंखी विकास हो सके। उन्होंने कहा कि गुर्जर समाज के 72 लोगों ने आरक्षण की लड़ाई में अपने जीवन की आहूति ही लगा दी। उनके जीवन के बलिदान को बेकार नहीं जाने दिया जाएगा। गुर्जर समाज के 5 प्रतिशत के आरक्षण की लड़ाई जारी रहेगी। गुर्जर समाज के युवाओं की दशा को ध्यान में रखते हुए उनको मार्गदर्शन कर सही राह बताने की आवश्यकता है जिससे गुर्जर समाज का युवा अपनी राह से भटके नहीं वरन समाज के विकास में अपना योगदान दे सके। अध्यक्षता करते हुए हरिद्वार उत्तर प्रदेश के हरिद्वार लंढोरा रियासत एवं पूर्व मंत्री उत्तराखंड सरकार एवं वर्तमान खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने कहा कि गुर्जर समाज में शिक्षा की स्थिति बहुत ही दयनीय है विशेषकर बालिका शिक्षा में समाज बहुत पिछड़ा हुआ है। समाज के बालक भी शिक्षा से वंचित रहे है जिसके चलते अधिकांश युवा पारम्परिक घरेलु कार्य में लगकर ही अपना जीवन यापन कर रहे है। उन्होने कहा कि राजनैतिक क्षेत्र में समाज को हमेशा उपेक्षा का शिकार होना पड़ा है राजनैतिक पार्टियां समाज के वोट बैंक का इस्तेमाल करती है। राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक उत्थान सहित सम्पूर्ण विकास के लिए गुर्जर समाज को एकजुट होकर अपनी मांगों व समाजोत्थान के लिए मिलकर कार्य करना पड़ेगा। जिला गुर्जर कर्मचारी अधिकारी कल्याण परिषद टोंक के जिलाध्यक्ष बी. एल. गुर्जर ने बताया कि दो दिवसीय सेमिनार में गुर्जर इतिहास भारत राष्ट्र का गौरवपूर्णइतिहास, पाखंड, आडम्बर, अंधविश्वास, रूढिवादिता व सामाजिक कुरूतियों से जूझता गुर्जर समाज व इसका समाधान, गुर्जर समुदाय में शिक्षा, बालिका शिक्षा, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का संकट एवं समाधान, गुर्जर युवाओं की दशा व दिशा, मनोदशा, गुर्जर इतिहास के नायक हमारे प्रेरक गुर्जर, समाज की एकता व एकीकरण की समस्या एवं संभावनाएं सहित कई बिन्दुओं पर देशभर से आए गुर्जर समुदाय के इतिहासकार, शिक्षाविद्, सोशलिस्ट, समाज सुधारक, विचारक, समाजसेवी, प्रोफेसर, अधिकारी-कर्मचारी, लेखक पत्रकार अपनी-अपनी रचनाएं प्रस्तुत करेगें। सेमिनार में केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर के संस्थान निदेशक डॉ. आर्तबन्धु साहू, पूर्व निदेशक डॉ. अरूण कुमार तोमर, उत्तरप्रदेश के ईसम सिंह चौहान, कश्मीर के खुर्शीद भाटी, पंजाब के सरदार बलवीर सिंह मुसाफिर, प्रदेश उपाध्यक्ष नादान सिंह खटाणा ने भी सम्बोधित किया। जिलाध्यक्ष बी एल गुर्जर ने बताया कि सेमिनार का समापन समारोह 2 जून को सायं 4 बजे शुरू होगा जिसमें मुख्य अतिथि राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश वी. एस. सराधना जयपुर होंगे तथा अध्यक्षता गुर्जर कर्मचारी अधिकारी कल्याण परिषद के प्रदेश अध्यक्ष प्रोफेसर आर के गुर्जर करेंगे। सेमिनार में कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ आदि प्रांतों के विद्वान बुद्धिजीवी उपस्थित रहे।

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